Thursday, 12 July 2012


कॉमेडी फिल्मों में सेक्स का तड़का
sex comedy films
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कॉमेडी फिल्में नए स्टाइल में
new approach comedy films
पर्दा चाहे छोटा हो या बड़ा, कॉमेडी एक हिट फार्मुला बन चुका है। वक्त के साथ इस कॉमेडी का अंदाज भी बदला है। कॉमेडी फिल्मों या टीवी शोज का स्टाइल न सिर्फ बिंदास हुआ है बल्कि सेक्स का तड़का भी खूब लग रहा है।

कुछ फिल्में तो बाकायदा खुद को सेक्स कॉमेडी के रूप में प्रमोट करती हैं, मगर इसके अलावा भी जो कॉमेडी फिल्में आ रही हैं उनमें भी जमकर सेक्सी सीन्स या डॉलाग्स का इस्तेमाल किया जाता है।

सेक्स कॉमेडी का ट्रेंड नया नहीं है लेकिन सच यह है कि पिछले लगभग डेढ़-दो दशकों में ही सेक्स कॉमेडी आम लोगों में लो‌कप्रिय हुई है।

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सेक्स कॉमेडी का शुरुआती दौर
start of sex comedy

हिंदी सिनेमा की सबसे पहली सेक्स कॉमेडी 1971 में रिलीज ऋषिकेष मुखर्जी की फिल्म 'सबसे बड़ा सुख' को मान सकते हैं। फिल्म में दो स्मॉल टाउन लड़के अपनी वर्जनिटी को ब्रेक करना चाहते हैं। मगर यह मान सकते हैं कि यह अपने समय से आगे का काम था। जहां ऋषिकेष मुखर्जी की फिल्मों पर लोग फिदा रहते थे वहीं ये फिल्म सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई। ऋषिकेष मुखर्जी ने यह मान लिया कि सेक्स कॉमेडी का कॉन्सेप्ट किसी काम का नहीं।

इस फिल्म के बाद लगभग 10 साल बाद बासु चटर्जी की फिल्म 'शौकीन' आई। जिसमें तीन बूढ़े पुरूष एक महिला के पीछे पागल होते हैं। यह फिल्म टसबसे बड़ा सुखट फिल्म के मुकाबले थोड़ी सफल रही। इसके बाद बी.आर.चोपड़ा की 'पति पत्नी और वो' फिल्म आई। जिसमें एक विवाहित पुरूष का अपनी सेक्रेटरी से अफेयर हो जाता है। यह फिल्म भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई।

इसके बाद सेक्स कॉमेडी के कॉन्सेप्ट पर फिल्म बनना लगभग बंद हो गया। इसके बाद 1984 में 'काशीनाथ' फिल्म आई जिसमें एक पुरूष यंग लड़की से शादी करना है लेकिन फिर भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं रह पाता। इसके साथ ही फिल्म 'अनुभव' ने फिल्मी दुनिया की सारी इरोटिक फेंटेसीज के टैबू को तोड़ दिया। लेकिन दुर्भाग्य से इस फिल्म को भी लोगों ने सिरे से खारिज कर दिया।

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'मस्ती' फिल्म ने मचाया धमाल
masti film success

2000 के बाद आई फिल्में 'ये क्या हो रहा है', 'मस्ती', 'क्या कूल हैं हम' ने लोगों ‌की सोच को बदला। इन तीनों ‌ही फिल्मों को दर्शकों ने सिरे से नकारने के बजाय इन्हें पसंद किया। इसके बाद रिलीज हुई फिल्म 'मुंबई मैटनी' जैसी फिल्मों को भी पसंद किया जाने लगा, जो सेक्स के तड़के के बाद भी फूहड़ता से दूर थीं।

पहली बार ऐसा हुआ जब इंद्र कुमार की सेक्स कॉमेडी 'मस्ती' को जनता ने स्वीकार किया। इसका बहुत बड़ा कारण था कि इस फिल्म में सेक्स के मुद्दे पर खुलकर डिस्कस किया गया था। फिल्म में हल्केपन और मस्ती के साथ बहुत ही हल्के-फुल्के अंदाज में सेक्स के बारे में बात की गई थी। फिल्म 'नो एंट्री' को भी आमजन के बीच खूब पसंद किया गया। जो कि पूरी तरह से सेक्स कॉमेडी थी।

एकता कपूर की 'क्या कूल हैं हम' को भी उन फिल्मों की श्रेणी मे रखा जा सकता है जिसे दर्शकों ने पसंद किया। इस फिल्म की कहानी में ऐसे छोटे-छोटे जोक्स पिरोए गए थे, जो यंग जेनेरेशन के बीच पॉपुलर होते हैं। यही वजह है कि यह कॉलेज जाने वाले युवाओं के बीच खूब पॉपुलर हुई।

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कैसे बदला दर्शकों का नजरिया
changes public opinion
दरअसल 1990 के बाद से आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत हुई और उसके बाद का भारतीय समाज वैश्‍विक होता चला गया। ऐसे में लोगों की वैल्यूज भी बदलने लगी थी। इसका प्रभाव लोगों की सोच पर भी पड़ा। मल्टीनेशनल कंपनीज, सैटेलाइट और इंटरनेट की दुनिया ने लोगों की सोच को काफी हद तक बदल दिया है।

टीवी शोज में सेक्स जैसे टॉपिक पर खुली चर्चा होने लगी। नतीजा यह हुआ कि फिल्मों में हल्के-फुल्के तरीके से लगाया गया सेक्स का तड़का दर्शकों को पसंद आने लगा और वे उसे स्वीकार करने लगे। देखा-देखी कई प्रोड्यूसर-डायरेक्टर्स ने इस थीम पर हाथ आजमाया और उन्हें भी सफलता हाथ लगी।

हंसल मेहता की 'ये क्या हो रहा है' जहां फ्लाप हुई, वहीं एन चंद्रा ने जब 'स्टाइल' में सेक्स का तड़का लगाता तो खूब सफलता हासिल हुई। कई फिल्में ऐसी थीं जो सेक्स कॉमेडी जैसी लगती थीं मगर उनकी थीम गंभीर थी। उदाहरण के तौर पर रजत कपूर की 'मिक्स्ड डबल्स'। जिसमें वाइफ स्वैपिंग की थीम के बहाने मिडल क्लास की सोच पर व्यंग किया गया था। 'विकी डोनर' को भी इसी श्रेणी में रखा जा सकता है।

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किस्सा 'क्या सुपर कूल हैं हम' का
kya super cool hain hum effects saga
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म 'क्या सुपर कूल हैं हम' के ट्रेलर में परोसी गई सेक्स कॉमेडी और फूहड़ता के कारण इसे टेलीविजन और बिग स्क्रीन पर बैन कर दिया गया है। वहीं फिल्म की निर्माता एकता कपूर का कहना है कि फिल्म फनी है ना कि चीप।

'क्या सुपर कूल हैं हम' के निर्देशक सचि यार्डी अपने दर्शकों से यह वादा करते हैं कि फिल्म में भले ही एडल्ड कंटेंट हो, लेकिन इसमें लोगों को कुछ वल्गर नहीं मिलेगा। हमने फिल्म के ओरिजनल वर्जन को ही अपना विषय बनाया है, लेकिन फिल्म को समसामयिक बनाएं रखने के लिए हमने आज के वक्त की जरूरतों को ध्यान में रखा है- एक ऐसे दौर को जिसमें 'डेल्ही बेली' जैसी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित होती है।

वह आगे कहते हैं, अगर आपको इस फिल्म में कुछ नॉटी लगता है तो गंदगी तो आपके दिमाग में है। इसमें मैं क्या कर सकता हूं? हां मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि हमारी फिल्म वल्गर कतई नहीं है।

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क्यों हिट होती है सेक्स कॉमेडी?
sex comedy success reasons
सेक्स कॉमेडी फिल्मों को स्वीकार करने का सबसे बड़ा कारण ये भी था कि इन फिल्मों के नायक-नायिका आम तौर पर दर्शकों के फेवरेट स्टार्स या उनके आइडियल थे। फिल्म 'मस्ती' में जो एक नया ट्रेंड और बदलाव आया उसमें लोगों का मिला-जुला रिस्पांस दिखाई पड़ा। ऐसे में यदि सेक्स कॉमेडी फिल्मों को मास लेवेल पर पसंद किया जाने लगा तो मूल रूप से वो फिल्म 'मस्ती' ही थी।

सेक्स कॉमेडी की सफलता का एक कारण ये भी है कि व्यक्ति रीयल लाइफ में जो बातें कह या कर नहीं पाता उसे वो खुलेआम फिल्म देखकर पूरा करता है। डबल मीनिंग वाले डॉयलाग को इसी कैटेगरी में रखा जा सकता है। सेक्स संबंधित जोक्स का भी इन फिल्मों में खूब इस्तेमाल किया जाता है।

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टॉप 10 एडल्ट कॉमेडी फिल्में
top 10 adult comedy films
विकी डोनर
डेल्ही बेली
दोस्ताना
क्या कूल है हम
मस्ती
नो एंट्री
स्टाइल
मिर्च
मिक्स्ड डबल्स
मुंबई मैटनी

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